वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 तक शहरी वक़्फ़ संपत्ति के वक़्फ़ विकास को अनुदान सहायता दिए जाने संबंधी योजना :-
वक़्फ़ किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे प्रयोजनों के लिए दी गई स्थावर और जंगम (चल और अचल) स्थायी संपत्ति है जिसे मुस्लिम विधि द्वारा पवित्र, धार्मिक या परमार्थ होने की मान्यता प्राप्त हो। उनके धार्मिक पहलू के आलावा, वक़्फ़ सामाजिक हित का भी एक माध्यम व साधन है क्योंकि इससे होने वाला लाभ और मिलने वाली प्रसुविधाएं सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में जरूरतमंदों को प्राप्त होती है।
कई कारणों से देश के अधिकांश वक़्फ़ की आमदनी बहुत सीमित है। इसका नतीजा यह है कि सामान्यतया मुतावली (वक़्फ़ के प्रबंधकों) को उन प्रयोजनों को कार्यान्वित करने में बहुत अधिक कठिनाई होती है जिनके लिए इन वक़्फ़ का निर्माण किया गया था या जो इनका उद्देश्य है। अधिकांश शहरी वक़्फ़ भूमि में विकास की संभाव्यता है किंतु मुतावली और यहां तक कि वक़्फ़ बोर्ड भी इन जमीनों पर आधुनिक कार्यात्मक भवन का निर्माण करने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने की स्थिति में नहीं है।
उद्देश्य:-
औकाफ और वक़्फ़ बोर्डों की वित्तीय दशा सुधारने के उद्देश्य से और उन्हें अपने कल्याणकारी कार्य का क्षेत्र बढ़ाने के लिए समर्थ बनाने हेतु यह योजना बनाई गई है ताकि वक़्फ़ की खाली जमीन की अतिक्रमण से बचाव हो सके और और अधिक आय उत्पन्न करने और/अथवा कल्याणकारी गतिविधियों को व्यापक बनाने के लिए आर्थिक दृष्टि से अर्थक्षम परियोजनाएं विकसित की जा सके।
इस योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न वक़्फ़ बोर्डों और वक़्फ़ संस्थाओं को ब्याज रहित ऋण दिया जाता है ताकि वक़्फ़ की जमीन पर आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य भवन यथा वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स, विवाह भवन, अस्पताल, शीतागार इत्यादि का निमार्ण किया जा सके।
विद्यमान योजना के उपांतरण/परिवर्धन या इन्हें जारी रखने की आवश्यकता
केन्द्रीय वक़्फ़ परिषद स्न 1974-75 से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रदत्त वार्षिक अनुदान से योजनाओं का कार्यान्वयन करता रहा है। इस योजना के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार ने सितम्बर, 1974 से मार्च, 2023 के बीच रुपये 6393.66 लाख की कुल अनुदान-सहायता राशि जारी की है और बदले में केन्द्रीय वक़्फ़ परिषद ने 156 परियोजनाओं के लिए ब्याज रहित ऋण दिया है।
07.01.2017 को उपर्युक्त योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा राज्य सरकारों तथा राज्य वक़्फ़ बोर्डों द्वारा की गई। तत्पश्चात् राष्ट्रीय श्रम आर्थिक शोध और विकास संस्थान, नई दिल्ली द्वारा इसका मूल्यांकन कराया गया। इस संस्थान ने अन्य संस्तुतियों के साथ-साथ अपना मत व्यक्त किया था कि उपर्युक्त योजना को कम से कम और दस वर्ष जारी रखे जाने की आवश्यकता है। ताकि और अधिक वक़्फ़ संपत्तियां विकसित की जा सके।
राज्य से प्राप्त प्रतिपुष्टि तथा मौजूदा योजना के बारे में राष्ट्रीय श्रम आर्थिक शोध और विकास संस्थान द्वारा किए गए मूल्यांकन अध्ययन के आधार पर प्राप्त प्रतिपुष्टि तथा संस्थान द्वारा की गई सिफारिश को समाहित कर इस योजना को जारी रखते हुए इसका नाम शहरी वक़्फ़ संपत्ति विकास योजना (एसडब्ल्युएसवीवाइ) रखने का निर्णय किया गया।
राज्यवार जारी ऋण - एक नजर |
|||||||
क्र. संख्या |
राज्य |
परियोजना के लिए जारी किया गया ऋण |
निर्माण के बिना वापिस किया गया ऋण |
पूर्ण परियोजनाएं |
जारी परियोजनाएं |
कुल दिया गया ऋण |
|
संख्या |
राशि |
||||||
1. |
आंध्र प्रदेश |
12 |
4 |
8.00 |
8 |
- |
167.50 |
2. |
बिहार |
9 |
1 |
1.50 |
5 |
3 |
40.09 |
3. |
छत्तीसगढ़ |
1 |
- |
- |
- |
1 |
66.00 |
4. |
दिल्ली |
3 |
3 |
5.50 |
- |
- |
05.50 |
5. |
गुजरात |
2 |
- |
- |
2 |
- |
180.00 |
6. |
हरियाणा |
1 |
- |
- |
- |
1 |
200.00 |
7. |
कर्नाटक |
52 |
4 |
21.63 |
30 |
18 |
2229.97 |
8. |
केरल |
26 |
2 |
13.00 |
10 |
14 |
1873.10 |
9. |
महाराष्ट्र |
6 |
1 |
2.00 |
4 |
1 |
343.00 |
10. |
मध्य प्रदेश |
6 |
1 |
30.00 |
- |
5 |
409.32 |
11. |
मणिपुर |
2 |
- |
- |
1 |
1 |
51.30 |
12. |
ओडिसा |
6 |
- |
- |
5 |
1 |
182.20 |
13. |
पंजाब |
3 |
- |
- |
3 |
- |
89.08 |
14. |
राजस्थान |
3 |
- |
- |
3 |
- |
84.02 |
15. |
तमिलनाडु |
19 |
1 |
5.00 |
16 |
2 |
399.80 |
16. |
उत्तर प्रदेश |
5 |
3 |
53.00 |
1 |
1 |
180.00 |
|
योग |
156 |
20 |
139.63 |
88 |
46 |
6500.88 |
लघु परियोजनाओं के लिए जारी किए गए ऋणों का राज्यवार विवरण योग |
|||||
क्र. संख्या |
राज्य |
योजनाओं की संख्या |
पूर्ण योजनाएँ |
जारी योजनाएँ |
|
दिया गया ऋण | |||||
1. |
बिहार |
1 |
- |
1 |
9.35 |
2. |
छत्तीसगढ़ |
5 |
- |
5 |
178.50 |
3. |
गुजरात |
1 |
- |
1 |
16.95 |
4. |
झारखंड |
2 |
- |
2 |
10.00 |
5. |
कर्नाटक |
34 |
29 |
5 |
173.00 |
6. |
केरल |
15 |
9 |
6 |
199.05 |
7. |
मध्य प्रदेश |
17 |
13 |
4 |
64.39 |
8. |
मणिपुर |
3 |
1 |
2 |
75.00 |
9. |
उड़ीसा |
10 |
7 |
3 |
89.37 |
10. |
पंजाब |
2 |
2 |
- |
7.59 |
11. |
तमिलनाडु |
10 |
8 |
2 |
36.96 |
12. |
उत्तर प्रदेश |
1 |
1 |
- |
8.40 |
योग |
101 |
70 |
31 |
868.56 |